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शिव जी हीरो बनोॅ हो-64 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'

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समदन

बन्ना बन्नी के सम्हारोॅ बड़ी दूर चलली
भोली भाली बाबा प्यारी जी नैहर वाली
डोलिया धीरें धीरें लेॅ जइहोॅ ससुर के गली
कुम्हलाय मति जाय जी कुसुम के कली
हंसि हंसि गरवा लगैहोॅ बन्नी अलबेली
बड़ी रसभरी अंखियां जी मतवाली

समदन

डोला धीरें उठवैहोॅ सुकुमारी सिया हो
सुकुमारी सिया हो राम पियारी सिया हो
मिथिला सें नगरी अयोध्या छै दूर
रुकी रुकी केॅ लेॅ जइहोॅ सुकुमारी सिया हो
हमरी सिया राम बड़ी भोली भाली
लगाय लीहोॅ छतिया दुलारी सिया हो
हमरी सिया राम चम्पा के कली
कुम्हलावेॅ नहीं दीहोॅ सुकुमारी सिया हो