भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शीत चंदन सुरभिमय जलसिक्त... / कालिदास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: कालिदास  » संग्रह: ऋतुसंहार‍
»  शीत चंदन सुरभिमय जलसिक्त...

शीत चन्दन सुरभिमय जल सिक्त व्यंजनों का अनिल रे,

कुसुममाला से सुसज्जित पयोधर माँसल सुघर रे

वल्लकी के काकली कल गीत स्वर कोमल लहराते

सुप्त सोये काम को है फिर जगा देते पुलकते,

हेम झीनी किरण बिछ झिलमिल रिझाती रूप छाया

प्रिये ! आया ग्रीष्म खरतर !