भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शीर्षकहीन - २ / बेई दाओ
Kavita Kosh से
|
दुर्घटनाओं से भी ज़्यादा अपरिचित
मलबों से भी ज़्यादा संपूर्ण
तुम्हारा नाम उच्चारना
तुम्हें हमेशा के लिए त्याग देना है
यौवन के कीचड़ पीछे छूट गए हैं
घड़ी के भीतर कहीं
अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी