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शुभ लड़ाई के सही आग़ाज़ की बातें करें / बल्ली सिंह चीमा
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शुभ लड़ाई के सही आग़ाज़ की बातें करें ।
आ ज़मीं से उठ रही आवाज़ की बातें करें ।
तेज़ औ’ तीखा जो होता जा रहा है दिन-ब-दिन,
सर्वहारा के उसी अन्दाज़ की बातें करें ।
पर कटे हैं फिर भी वो तो उड़ रहा है शान से,
सीने में उसके जी रही परवाज़ की बातें करें ।
बुर्जुआ नायक की नकली दास्ताँ मत छेड़ तू,
आ किसी पावेल-से जाँबाज़ की बातें करें ।