भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

श्री यमुने पति दास के चिन्ह न्यारे / सूरदास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

श्री यमुने पति दास के चिन्ह न्यारे ।
भगवदी को भगवत संग मिलि रहत हैं, जाके हिय बसत प्राण प्यारे ॥१॥
गूढ यमुने बात सोई अब जानही, जाके मनमोहन नैनतारे ।
सूर सुख सार निरधार वे पावहीं, जापर होय श्री वल्लभ कृपा रे ॥२॥