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षडानन / अंकावली / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
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सेनानी सुरपक्षक छथि सपक्ष षण्मुख प्रत्यक्ष
षट् कृत्तिका मातृका तारा दूध पिऔलनि कक्ष
सतत असुर संहार हेतु छथि छओ मुख वास्तव व्यक्त
जल, थल, नभ, गिरि, वन पुनि जनपद जनि सैनिक अभ्यस्त
अथवा चउदिस उपर-अधर धरि व्यापित षट् संचार
संचर गुप्त गुप्तचर, जनि, तनि सेनानिक जयकार