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षड्यंत्र / निदा नवाज़
Kavita Kosh से
वे छीन लेना चाहते हैं हम से
हमारी यादें
हमारी संस्कृति
बिछा रहे हैं हमारे इतिहास में
बारूदी सुरंगें
ताकि लिख सकें मन-मर्ज़ी
हमारे इतिहास के पन्ने
हमारे परिचय को
विकृत करने का
एक बड़ा षड्यन्त्र.