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सगरे समैया कोसीमाय उठि बैठि गमैलौ / अंगिका

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सगरे समैया कोसीमाय उठि बैठि गमैलौ
भदो मास कोसीमाय सजलौ बारात।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
मौरिया उड़ाहत
केओ तोरा जायत बरियात ।
मलिया तोरा आहे कोसीमाय
मौरिया उड़ाहत,
नगरक लोग साजत बरियात ।।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
डलवा उड़ाहत
केओ तोरा जायत बरियात ।
डोमरा तोरा आहे कोसीमाय
डलवा उड़ाहत
नगर के लोग जायत बरियात ।।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
सड़िया उड़ाहत
केओ तोरा जायत बरियात ।।
कपड़िया तोरा आहे कोसीमाय
सड़िया उड़ाहत
तिरहुत लोग जायत बरियात ।।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
चूड़िया उड़ाहत,
केओ तोरा जायत बरियात ।
कपड़िया तोरा आहे कोसीमाय
कपड़ा उड़ाहत
तिरहुत लोग जायत बरियात ।।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
हँसुली उड़ाहम,
केओ तोरा जायत बरियात ।
सोनरा तोरा आहे कोसीमाय
हँसुली उड़ाहत
तिरहुत लोग साजत बरियात ।।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
पनिया उड़ाहत
केओ तोरा साजत बरियात
सोनरा तोरा आहे कोसीमाय
पनिया उड़ाहत
तिरहुत लोग साजत बरियात ।।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
सिनुरा उड़ाहत
केओ तोरा साजत बरियात ।
बहेलिया तोरा आहे कोसीमाय
सिनुरा उड़ाहत
तिरहुत लोग साजत बरियात ।।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
तेलबा उड़ाहत
केओ तोरा साजत बरियात ।
तेलिया तोरा आहे कोसीमाय
तेलबा उड़ाहत
तिरहुत लोग साजत बरियात ।
केओ तोरा आहे कोसीमाय
टिकुली उड़ाहत
केओ तोरा साजत बरियात ।।
बहेलिया तोरा आहे कोसीमाय
टिकुली उड़ाहत
तिरहुत लोग साजत बरियात ।