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सत्ता / पूनम तुषामड़
Kavita Kosh से
देखो हमारी
आंखों में आंखे डाल
और कहो-
कि... तुम्हारी सरकार
जनता के हितों के लिए
लड़ी है
ज़रा कहो तो
तुम्हारी कथित
जनता में मेरी ‘जात’
कहां खड़ी है।