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सन्देश मेरुदंड का / रित्सुको कवाबाता
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मेरे योग शिक्षक का सूत्र !
सीधे पेट के बल लेट
बाहें बांधे माथे पर
मैं घुमती हूँ दायें -बाएं !
मेरुदंड से आती झनकार
जब ये घुमती है फर्श पर !
बाहें बांधे छाती पर
मैं घुमती हूँ दायें -बाएं .
मुझे सचमुच महसूस होती है उपस्थिति
मेरुदंड की !
अनुवादक: मंजुला सक्सेना