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सफ़र सुहाना बना रहेगा / कैलाश झा 'किंकर'

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सफ़र सुहाना बना रहेगा
जो साथ तेरा सदा रहेगा।

अदब की राहों में गीत-कविता
ग़ज़ल से रिश्ता रहा करेगा।

न दिल को छोटा करो कभी भी
सदा ज़माना कहा करेगा।

विचार मन में जनम लिया जो
वही ग़ज़ल में बसा रहेगा।

अगर गये घर लगा के ताला
तो चोर घर में लगा रहेगा।

तेरी शहादत से क्रांति होगी
मशाल बिल्कुल जला रहेगा।