सफ़ेद गुलनार / गाबेबा बेदरून / श्रीविलास सिंह
हम खो देते हैं
अपने खोए हुए को भी ।
एक पच्चीस वर्षीय युवा स्त्री की अन्त्येष्टि में
मृत्यु हैं हर कहीं ।
हम गुज़रते हैं बग़ल से उसके ताबूत वाले छोटे से घर के
रखते हुए सफ़ेद गुलनार का एक फूल
उसकी तस्वीर के पास
और महसूस करते हुए फिर से अकेलापन,
एक अकेलापन जो ढक देता है आत्मा को,
जब बुझ जाती है रोशनी मकान में
और जलती रहती है आग ।
मैं स्पर्श करती हूँ युवा स्त्री की माँ की पीठ
और देर तक पकड़े रहती हूँ उसे अपनी बाँहों में ।
जब मैं छोड़ती हूँ उसे, वह हो जाती है झुक कर दोहरी,
हिलाती है अपना सिर, चाहती हुई दृढ़ होना
उस अकेलेपन के विरुद्ध जो आता है आलिंगन के पश्चात् ।
केवल देह जानती है,
या पीठ जो मुड़ कर दोहरी हो जाती है,
सिर जो हिलता है धीरे-धीरे, बहुत धीरे
और कुछ भी होता नहीं परिवर्तित।
एक रुदन फूट पड़ता है उसके मुँह से, किन्तु
बस, एक क्षण को, वह घोंट लेती है उसकी आवाज़ फिर से ।
बाद में, अपने घर, मैं जला देती हूँ सभी रोशनियाँ
और सुलगाती हूँ आग
पीती हूँ चाय, मीठी और गर्म,
और सो जाती हूँ, अपने पीछे पीली लकड़ियों को जलाकर
मैं जागती हूँ ठण्ड से
और महसूस करती हूँ फिर से वही बन्धन
और रंगों का रक्तस्राव अन्धेरे में ।
एक तस्वीर बना देती है इस सब को एक बार की श्रद्धांजलि
किन्तु इसमें झूलता रहता है तु्न्त पहले का क्षण ।
तस्वीर में युवा स्त्री दिखती है
मानों एक मुस्कान धुँधली हुई है बिलकुल अभी उसके चेहरे से ।
एक चिड़िया उड़ती है सिर के ऊपर से सुबह सुबह ।
ज़मीन को छू रही है इसकी परछाई,
रस्ते के उस पार का घर, वे फूल ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Gabeba Baderoon
White carnation
We lose
even our loss.
At the funeral of a young woman aged 25,
death is everywhere.
We walk past the small house of her coffin
lay a single white carnation
by her photograph
and feel alone again,
an aloneness that is a curtaining of the self,
when the lights go out in the house
and the fire stills.
I touch the back of the young woman’s mother
and hold her long in my arms.
When I let her go, she bends double,
shakes her head, needing to stiffen
against the loneliness that follows holding.
Only the body knows,
the back that bends double,
the head that turns slowly, so slowly
and nothing changes.
A cry escapes her mouth, but only
for a second. She swallows the sound again.
Afterward, at home, I switch on all the lights
and make a fire
and drink tea, sweet and hot,
and fall asleep with the logs yellow against my back.
I wake to cold
and feel the ceasing again,
and the bleeding of colour into darkness.
A photograph makes its offering of one instant,
but in it hovers the instant just before.
In the photograph, the young woman looks
as though a smile has just faded from her face.
In the morning a bird flies overhead.
Its shadow touches the ground,
the house across the way, the flowers.