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सबद (01) / कन्हैया लाल सेठिया

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कोनी सबद
कोई एवड़
जकी नै टोर’र
बाड़ दै बाडै में
पड़ती सिंझ्या गडरियो
बो तो ना’र, रोही रो राजा
धडकै जणां
धूजै गिगनार
पडूतर देवै
बापड़ी सुन्याड़ !