Last modified on 19 जुलाई 2020, at 23:34

सबसे ऊपर होता प्यार / कैलाश झा 'किंकर'

सबसे ऊपर होता प्यार।
करता हूँ मैं भी स्वीकार॥

जीवन में चाहे दुख हो
कर न सकूँ सच से इन्कार।

उनकी बिल्कुल बात अलग
धन से मुझको क्या दरकार।

जी भर कर बातें होगी
आओगे जब अबकी बार।

मेरे जीवन में खुशियाँ
आने को हैं अब तैयार।