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सबसे बड़ा / जयप्रकाश कर्दम
Kavita Kosh से
कोई पड़ा है, कोई खड़ा है
कोई किसी के ऊपर चढा है
हर कोई इस दम्भ से भरा है
कि वह सबसे बड़ा है
बड़ी नहीं वे चीजें जो
दिखाई देती हैं बड़ी
जैसे-सागर, पहाड़ और पृथ्वी
सारी दुनियां पृथ्वी पर टिकी है
पर कहते हैं
पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है
शेषनाग भी नहीं है बहुत बड़ा
वह है शंकर के गले में पड़ा
लोग मानते हैं शंकर को भगवान
सर्व-शक्तिमान, लेकिन वह खुद
घरों के कोनों और मंदिरों में कैद
लाचार सा पड़ा है
बौनी हैं बड़ी-बड़ी चीजें, बड़े-बड़े नाम
शेषनाग, शंकर, देवी-देवता, भगवान
दुनियां में वह सबसे बड़ा है
जो याचक नहीं
अपने पैरों पर खड़ा है।