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सबसे महत्वपूर्ण पल / चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल
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लाचार होता है एक चींटा
सर पर आ खड़े एक जूते के विरुद्ध,
और बस, एक पल होता है उसके पास
इक्का-दुक्का रोशनख़यालों के लिए ।
काला जूता चमकता हुआ
वह देख सकता है इसमें
अपना विरूपित अक्स,
शायद बढ़ा हुआ
एक भीमकाय डरावने चींटे के रूप में
हिलाता हुआ अपने हाथ-पैर
धमकाने के अन्दाज़ में ?
जूता हिचकिचा रहा हो शायद
कुछ देर कुछ शक करता हुआ,
जाले बटोरता,
या ओस ?
हाँ, और जाहिरन न ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल