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सभ सखि चलू गृह मोर / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सभ सखि चलू गृह मोर
कि मंगल गायब हे
जानकी होयत विवाह
जनकपुर आयब हे
आभरण वसन सहित
आनि पहिरायब हे
सीता बैसतीह आसन पर
सींथ नोतायत हे
दूभि धान लए हरि बैसताह
आरत पान लए हे
माहर लए सींथ लगओताह
सीया सीथ नोतल हे
भनहि तुलसी दास
सीता राम नेह लगाओल रे