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समझदारी / त्रिलोकीनाथ दिवाकर
Kavita Kosh से
बहुत करलें मगजमारी
रखें अपनो समझदारी
हितैसी कम यहाँ मिलतौ
बिना लोभें कहाँ हिलतौ
कभी आफत पड़ी जैतौ
बचाबै के घड़ी ऐतौ
पता नै के मददगारी
रखें अपनो समझदारी।
लुतरलग्गो रहै लगलो
खिलाड़ी छै बड़ी मंजलो
लगाबै छै बहुत कैदा
लड़ाबै मे बहुत फैदा
यहाँ कुछ छै दुराचारी
रखें अपनो समझदारी।
नजर आबै एलेक्सन में
रखै जनता कनेक्सन में
लुभाबै ख्ूाब वादा सें
निकालै जीत बाधा सें
करै नेता अदाकारी
रखें अपनो समझदारी।