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समय / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
रात छै तेॅ की
जागै के छै समय
घोर अनय।
के की कहतै
कालिख के कोठरी
गैब पोटरी।
कौनें तपैतै
अंधरोॅ सिपाही छै
आगू खाही छै।