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समय में / जया जादवानी
Kavita Kosh से
समय के माथे पर बिन्दी
लगाती हूँ समय की
इस तरह शब्द एक रचती हूँ
रंग में घुलती हूँ समय के
इस तरह इसे पढ़ती हूँ
समय को रचना
समय को पढ़ना
समय ही हो जाना है
अंततः...।