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सही वक्त है / योगक्षेम / बृजनाथ श्रीवास्तव
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सुनो सयानो
चलो पवन को हम दुलरायें
सही वक्त है
इसी पवन के
आखर-आखर
श्वास और प्रश्वास हमारे
और इसी के रहते सबने
देखे हैं दिन के उजियारे
सुनो सयानो
मैली है यह , इसे बचायें
सही वक्त है
इसके होने
का मतलब है
बंजर भू का प्रसवा होना
इसके होने का मतलब है
दिशा-दिशा हरियाली बोना
सुनो सयानो
मंतर पढ़-पढ़ इसे जगायें
सही वक्त है
पवन देवता
की यशगाथा
मेरे पुरखों ने थी गाई
इसीलिए आह्लाद मनुजता
की फूली थी वह फुलवाई
सुनो सयानो
पूजा करके पेड़ लगायें
सही वक्त है