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साँवरे से लग्न चाहिये / रंजना वर्मा
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साँवरे से लगन चाहिए.
शुद्ध तन शुद्ध मन चाहिए॥
आखिरी वक्त में देह को
मात्र दो गज कफ़न चाहिए॥
दुख भरी है मिली ज़िन्दगी
प्यार की अंजुमन चाहिए॥
नफ़रतों की जड़ें काट दे
प्रीति का इक सुमन चाहिए॥
बांध दे नेह के तार को
इसलिए इक बहन चाहिए॥
श्याम से लाडले के लिये
राधिका-सी दुल्हन चाहिए॥
प्राण जिस पर निछावर करें
वह दुलारा वतन चाहिए॥