भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साईं सुआ प्रवीन गति / गिरिधर
Kavita Kosh से
साईं सुआ प्रवीन गति वाणी वदन विचित्त
रूपवंत गुण आगरो राम नाम सों चित्त
राम नाम सों चित्त और देवन अनुरागयो
जहां जहां तुव गयो तहां तहां नीको लागयो
कह गिरिधर कविराय सुआ चूकयो चतुराई
वृथा कियो विश्वास सेय सेमर को साईं