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साथ / कुँअर रवीन्द्र
Kavita Kosh से
एक ने कहा में पूरब हूँ.
एक ने कहा मैं पश्चिम
मैं उत्तर
मैं दक्षिण हूँ
सब यह भूल गए
कि वे जिस जमीन पर खड़े हैं
दिशाएँ इस ज़मीन ने तय की हैं
अपनी धुरी पर अडिग खड़े रह कर
पृथ्वी की दिशाएँ तय और अडिग हैं
तय तुम्हे करना है
कि तुम दिशाओं के साथ हो या ज़मीन के