सियानी गोठ / अरुण कुमार निगम
छन्न पकैया छन्न पकैया, सुन भइया बैसाखू
केन्सर साहीं लाय बिमारी, माखुर अऊ गुड़ाखू।
छन्न पकैया छन्न पकैया, तन-घर लूटै दारू
तहूँ छोड़ दे पीना-पाना, छोड़ दिहिस बुधवारू।
छन्न पकैया छन्न पकैया, मानौ गोठ सियानी
नसा नास के कारन होथे, कहैं डाकटर ग्यानी।
छन्न पकैया छन्न पकैया, शौचालय बनवावौ
खेत-खार अउ सड़क तीर मा, लोटा धर झन जावौ।
छन्न पकैया छन्न पकैया, बीमारी दुखदाई
परन करौ घर गाँव गली मा, रखबो हमन सफाई।
छन्न पकैया छन्न पकैया, इस्कुल हम बनवाबो
नान-नान लइका ला ओमा, भरती हम करवाबो।
छन्न पकैया छन्न पकैया, खोलौ बैंक म खाता
काम न आवै बिपत काल मा, भइया कोन्हों नाता।
छन्न पकैया छन्न पकैया, पानी सबो बचावौ
वाटर-हार्वेस्टिंग के टंकी, घर-घर मा खनवावौ।
छन्न पकैया छन्न पकैया, जंगल हे जिनगानी
जिहाँ झाड़ जंगल हे ज्यादा, उहुँचे बरसय पानी।