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सीरिया के मुसलमान बच्चे / विहाग वैभव

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अल्लाह के बाग़ान में जिन्हें
उधम कर दौड़ जाना था अगले आँगन
वे बम से फटी सड़क पर गला फाड़ रोते हुए
अपनी माँ के चिथे स्तन चूम रहे हैं

जिन्हें इतनी बड़ी विशाल दुनिया को गेंद की तरह उछाल खिलखिला देना था चहकते हुए
वे अपने घरों में भाई के जिस्म के टुकड़े बटोर रहे हैं

जिन्हें एक डोरी के सहारे पृथ्वी को खींचकर उठा लेना था हथेली पर
वे अपने संगियों की लाशों को झकझोर रहे हैं , अनन्त नींद से उठाने के लिए ।

सीरिया के मुसलमान बच्चे
जिन्हें अपने मुसलमान होने की भी ख़बर न थी
न ही कोई मतलब था सीरिया या अमेरिका के होने से

सीरिया के मुसलमान बच्चे अमेरिका की थाली में परोसे गए हैं

उनका गला फटा जा रहा है रोकर कि उनके अब्बू की सिर्फ़ जाँघ मिली चिपककर बिलखने के लिए

सीरिया के बच्चे पाँव में अपनी लाश बाँध
बदहवास भटक रहे हैं अपने मोहल्ले के रास्तों पर

अमेरिका हँस रहा है

अमेरिका बहुत बड़ा देश है
अमेरिका राजा देश है
जैसे जंगल का सबसे खूँखार, क्रूर और बदमिजाज जानवर हो जाता है राजा

सीरिया के बच्चे आज भटक रहे हैं
सीरिया के आज से बचे बच्चे
एक रोज़ जवान हो जाएँगें
उनसे महात्मा के व्यवहार की उम्मीद मत करना

ये बचे हुए बच्चे एक रोज़ बड़े हो जाएँगें

वे ईश्वर का कलेजा चबा जाएँगें पलक झपकते ही
वे तुम्हारे आलीशान गगनचुम्बी इमारतों को एक फूँक से उड़ा देंगें
तुम्हारी परछाइयों तक की राख तक नहीं देंगे तुम्हारी पीढ़ियों को
वे तुम्हारे किले में घुसते ही ख़ून और पानी का भेद मिटा देंगें

ये लोरियों की उम्र में मर्सिया गाते हुए बच्चे
हर साँस में ज़हर पीते हुए बच्चे
हर चीख्ज़ में मौत रोते हुए बच्चे

तुम देखना
एक दिन जवान हो जाएँगे
ये सीरिया के मुसलमान बच्चे।