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सुविचार करिए तो तनिक / प्रेमलता त्रिपाठी
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मन विकल हैआज क्यों सुविचार करिए तो तनिक।
हो खुशी जिस बात से व्यवहार करिए तो तनिक।
साध हम जीवन चलें हैं सत्य की यदि राह पर,
सत्य बाधक हैं नहीं स्वीकार करिए तो तनिक।
खिल उठेंगी वादियाँ यदि गीत प्यारा गा सकें,
गुनगुना कर प्रीति की बौछार करिए तो तनिक।
राह काँटों से भरी कठिनाइयाँ हो सामने,
फेंकिए मत कीच पत्थर प्यार करिए तो तनिक।
राह कटुता से भरी होती कठिन हर साधना,
काटिए अवरोध को प्रतिकार करिए तो तनिक।
प्रेम पूजा हो फलित यदि मार्ग शुचिता की रहे,
द्वेष मन के सब मिटा श्रंृगार करिए तो तनिक।