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सूतल रहल माई हो, एके रे पलंग / भोजपुरी

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सूतल रहल माई हो, एके रे पलंग,
रे सेजे सूतल, कब उठि पियवा गइले बिदेसे।
अब हो, माधव हे, सेजिया ना आवे पिया मोर।।१।।
हाँ रे, हाँ रे, भइया हे, बाट के बटोहिया हे,
आरे, भला एह पंथ देखिले विदेसवा के जाई,
आइ हे, सेजिया ना आवत पिया मोर।।२।।
हाँ रे, कवने रंग घोड़वा, कवने रंग झीनवा हे,
हाँ रे, कवने बरनिया विदेसी तोरे बारे,
हाँ रे, माधो, सेजिया ना आवे पिया मोर।।३।।
लाले-लाले घोड़वा, सबुजी रंग झीनवा हे,
आरे, साँवर बरनिया बिदेसी मोरा बारे,
आरी, माधो हे, सेजिया ना आवे पिया मोर।।४।।
हाँ रे, देखे के त देखलों में हाजीपुर हटिया हे,
आरे, पूरुबी बंगालिन संगे खेले जूआसारी,
आरी हो, माधो, सेजिया ना आवे पिया मोर।।५।।