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सूरज भी दुबका (हाइकु) / रमा द्विवेदी
Kavita Kosh से
१-धरा सहमी
सूरज भी दुबका
ठण्ड को देख |
२-पार्टी न जाएं
गर्म लिबास बिना
हंसी उडाएं |
३-जाड़े से पूछा
कहाँ चले हो भाई
गरीब -घर |
४-सर्दी की मार
अमीर कैसे जाने
गरीब जाने |
५-सर्दी गायब
रजाई में लिपटा
सूरज हँसे |
६-शाल-स्वेटर
टोपी व मफलर
सर्दी भगाए |
७-जाड़े की धूप
तन को सहलाए
मन को भाए |
८-सर्द हवाएं
तन को ठिठुराएं
सहा न जाए |<br