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स्वप्न / विजय चोरमारे / टीकम शेखावत
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उसके पाँव है धधकती आग में
और ह्रदय में है हलचल
किसी ने नही लिखी
कविता की एक भी पंक्ति उसके लिए कभी
जहाँ स्वप्न देखना था
कि राजकुमार आएगा घोड़े पर
वहाँ सपने में है
सिर्फ टूटी हुई गागर !
मूल मराठी से अनुवाद — टीकम शेखावत