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स्वर्ण नगरी जैसलमेर / अश्वनी शर्मा
Kavita Kosh से
सोने-सी रेत
सोने-सा पत्थर
सोने-सी जिजीविषा
सोने-सा अहसास
सोने-सी सुबह
सोने-सी शाम
सोने-सी सच्चाई
सोने-से राग
सोने-सी आग
सोने-से ऊंट
सोने-सी भेड़
सोने-सा किला
सोने-से लोग
तभी तो है ये
स्वर्णनगरी
जैसलमेर।