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स्वागत गान : बहुराष्ट्रीय कम्पनी का / अवतार एनगिल

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हम भाग्यशाली हैं
कि इस कठिन समय
हमारे घर
पधार रहे हैं
अजगर भगवान

चिंतित हैं सभी
हमारे इतने छोटे दरवाज़े से
इतने बड़े अतिथि
भीतर कैसे पहुँचेंगे
कैसे पवित्र होगा
हमारा मंदिर
उनकी चरण रज से

कैसे होगा उद्धार
रहन रखे गये इस घर का?
तोड़ना ही पड़ेगा
यह जर्जर द्वार
संत ने कहा था____
अजगर चाकरी नहीं करता
न ही करता है वह कोई काम
अलबत्ता जानता है वह
चाकरी करवाना।
हम थारे चाकर--स्वामी!
तुम म्हारे ठाकुर---स्वामी

ताहम प्रस्तुत है
भारतीय भक्तों की आरती
'जन-गन-मन-अधिनायक'
जय हे! भारत भाग्यविधाता!
आरती की थाल में रख लाये हम_
जल....
पृथ्वी....
वायु....
अग्नि......
आकाश........!
पधारिये,अजगर भगवान
हमें अपने सुदृढ़ कंधों पर
धारण कीजिए।