भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

स्‍पर्श / लाल्टू

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कठिन है
स्‍पर्श की कल्‍पना
सहज है
काल्‍पनिक स्‍पर्श को सच में बदलना

तुम्‍हारी बढ़ती उँगलियों को चूमती
किसी की त्‍वचा में
एक पौधा जन्‍म ले रहा है
जिसे धूप और बारिश के अलावा
तुम्‍हारी जरूरत है

देखो
पौधे की पत्तियों को
सूंघो उनकी ताजगी को
जानो स्‍पर्श।