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हमने इश्क़ किया / कात्यायनी

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हमने इश्क़ किया
और काम के आदमी बन गए
दुनिया के लिए
वर्ना...

(चचा ग़ालिब से मुआफ़ी चाहते हुए}

रचनाकाल : सितम्बर 1997