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हमरोॅ जीत तेॅ वक्का छै / मनीष कुमार गुंज

हमरोॅ जीत तेॅ पक्का छै
पीठी पर मंझला कक्का छै।
सब कहने छै देहरी द्वारी
चललै दंगल मुंगरी-बुआरी
काकी कीर्तन में रमलोॅ छै
घत्ता-पंजा सब गमलोॅ छै।
उपरे-उपर लागतै छक्का
हमरोॅ जीत तेॅ पक्का छै।