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हमारे ख़त ये पढ़ना दोस्तो / उर्मिल सत्यभूषण

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हमारे ख़त ये पढ़ना दोस्तो
कि पढ़कर माफ़ करना, दोस्तो

हमारे दर्द का मरहम लगा
किसी की पीर हरना, दोस्तो

बड़ी मुश्किल से पाला जो शजर
हिफ़ाज़त उसकी करना, दोस्तो

पहाड़ों का बड़ा दुर्गम सफर
संभल कर पांव धरना, दोस्तो

करो गर युद्ध भी करना पड़े
ज़माने से न डरना, दोस्तो

बढ़ा कर पांव सच की राह पर
कभी पीछे न हटना, दोस्तो

नहीं उर्मिल वफा ना-आशना
ज़रा इन्साफ़ करना, दोस्तो।