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हमें तुम न यों आजमाया करो / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
हमें तुम न यूँ आज़माया करो।
कभी प्यार भी तो जताया करो॥
करो मेरी यादों से ग़र दोस्ती
अकेले ना आँसू बहाया करो॥
बड़ा खूबसूरत ये एहसास है
सदा प्यार दिल में बसाया करो॥
किसी राह में हो अँधेरा नहीं
कोई ऐसा दीपक जलाया करो॥
न देखो निगाहों में नफरत लिए
जरा प्यार से भी बुलाया करो॥
ये तनहाइयाँ कुछ बुरी तो नहीं
गुलिस्तां इन्हीं से सजाया करो॥
किया जो किसी से है वादा कभी
उसे मूल्य पर हर निभाया करो॥