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हरदम सावधान रहना है / रामेश्वर नाथ मिश्र 'अनुरोध'
Kavita Kosh से
हरदम सावधान रहना है।
जो स्वदेश करते बदनाम,
लेकर आजादी का नाम;
देश विरोधी करते काम।
हरदम सावधान रहना है।
कट्टरपंथ नया धर बाना,
देशद्रोह का गाता गाना,
इसका सुर जानापहचाना।
हरदम सावधान रहना है।
इनके पास बहुत से साधन,
धनदौलत, सुविधा, आराधना,
दाँवपेंच, छलकपट प्रसाधन।
हरदम सावधान रहना है।
समाचारसूचना प्रसारण,
इनके हाथों है निर्धारण,
जिसमें मंत्र छिपा है मारण।
हरदम सावधान रहना है।
इनकी राजनीति है गंदी,
इनके हाथों प्रतिभा बंदी,
ये पथभ्रष्ट, क्षुद्र, छलछंदी।
हरदम सावधान रहना है।
ये प्रचार मिडिया के स्वामी,
मानो सबके अंतर्यामी,
सारा चिन्तन है प्रतिगामी।