भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हलफ़नामा / संदीप निर्भय
Kavita Kosh से
मुझे मत खोजना देहातियों
आधार-कार्ड, राशन-कार्ड
पहचान-पत्र या
दसवीं कक्षा की सप्लीमेंट्री मार्कशीट में
मेरे नाम का नहीं है
सरकार की जेब में हलफ़नामा
खोजो तो खोजना
मिलूँगा तुम्हें–
बंजारन की पोटली में नमक की तरह!