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हाँ रे, बाजन त बजते हो मधइय पुरवइया / भोजपुरी
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हाँ रे, बाजन त बजते हो मधइय पुरवइया, सुनत सोहावन ए।
हाँ रे, राजा के दुअरवा नेटुआ जे नाचेला, हम जइबो नेटुआ ही देखे।।१।।
जाहुँ तूहूँ जइबू धनि नेअुआ देखे,
कि ठोकी लेबों बजर केवरिया सुतबों रइनि राते।।२।।
हँसिय-खेलिय जब धनि लवटेले,
कि अँगना में ठाढ़ होइके, खोलू प्रभु बजर केवरिया।।३।।
नींद के मातल बानी, कइसे के खोलीं धनि बजर केवरिया,
कि तोहरो अइसन धनि पातर, कोरा पइसी सूतल बा रे।।४।।
हाय हो दइब! विधन तन, विधि हमरो बाँव भइले,
कि गउँवे के दखिन बसे एक मालिन, सेहो मोरे सवतिन हे।।५।।