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हाइकु 10 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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फूल ना फूल
रंग-रस-गंध सै
नीं थारै पाण


काळंदी मांय
लै‘र लै‘र काळिया
कठै है कृष्ण?


घेर घुमेर
अेकलो खड्यो रूंख
सुळतो जावै