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हाइकु 32 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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कठै गुमगी
जसोदा री ममता
राधा रो प्रेम


नागो ई आयो
नागो ई जावैला
क्या ले जावैला


थारै होठां री
मधरी सी मुळक
मैंदी रा फूल