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हाइकु 64 / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
ब्यांव नीं करै
अबै मा-बाप करै
इंटरनेट
पोथी री चर्चा
लोकार्पण दिन ई
पछै सूनाड़
दूजां रै खांधां
चढ्यां नीं मिलै आभो
पगां तणो हू