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हाइकु 78 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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गै‘रा दुखड़ा
पथरा देवै है होठ
सीं दे जबान


गणतंत्र तो
बणग्यो गनतंत्र
कैवां किणनैं


गै‘री वेदना
आंख्यां बणै है जीभ
आंसूड़ा-भासा