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हार-जीत / जय छांछा
Kavita Kosh से
किसी भी प्रतियोगिता में
कभी भी / कहीं भी
पक्ष और विपक्ष होने ही होंगे
अंत में
सुनिश्चित ही है
एक की जीत
और दूसरे की हार ।
लेकिन
अपवाद के रूप में
प्रेम की दौड़ में भी
पक्ष और विपक्ष में विभक्त करने पर
या तो दोनों की हार होगी
या तो दोनों की जीत ।
मूल नेपाली से अनुवाद : अर्जुन निराला