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हारि गयो गजराज / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो

गज ओ ग्राह लड़े जल भीतर
लड़त लड़त गज हारे
अब बल हारि गयो
हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो

गज की टेर सुने रघुनन्दन
गरुड़ छोड़ के धारो
अब बल हारि गयो
हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो

ग्राह को तो मार गिरायो
गज को लियो उबारो
अब बल हारि गयो
हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो