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हिन्दी दिवस को सफल बनाने / हरिवंश प्रभात

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हिन्दी दिवस को सफल बनाने, का संकल्प महान है,
हिन्दी हमारी माता है, यह हिन्दी ही हिन्दुस्तान है।

संस्कृत की जब बनी सहेली, इसके रूप का कमल खिला,
यह भाषाओं की रानी, उसको भू मंडल सकल मिला,
महिमा अपरम्पार है इसकी, सीमा रहित उड़ान है।
हिन्दी हमारी माता है....

तुलसी का यह तुलसीदल, मीरा की प्रेम दीवानी है,
सूरदास की मनःचेतना और कबीर की बाणी है,
ऋषियों के आंगन में इसको मिला मान-सम्मान है।
हिन्दी हमारी माता है....

बचपन में हिन्दी तुतला, कोमल होठों ने बोला है
मन को किया प्रफुल्लित जब तोते ने भी मुँह खोला है,
बाल न बांका हुआ हिन्दी का आता रहा तूफान है।
हिन्दी हमारी माता है....

एक दिन विश्व के आसन पर इसको बैठाना होगा,
चाहे इसके लिए क्यों न गांडीव उठाना होगा,
मिलकर हाथ बढायेंगे, एक क्रांति यह अभियान है।
हिन्दी हमारी माता है....