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होजी नणदोई आया पावणा / मालवी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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होजी नणदोई आया पावणा
तमारी कई-कई करूँ मनवार
नणदोई जी प्यारा आयाजी म्हारा यां पावणा
होजी तातो पाणी तो धरवाई देती
ना पीड़ो गयो परदेस नणदोई जी
रोटी तो बणाय देती
चूले लगाई गार नणदोई जी
झारी तो भरवाया देती
दासी रो दूखे हाथ नणदोई जी
ढाल्यो तो ढ़लवाय देती
म्हारा बाईजी गया रिसाय नणदोई जी
होजी ओरा आजो पावणा
तमारी फिर के करांगा मनवार
नणदोई जी प्यारा आयाजी म्हारा यां पावणा