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हौ एत्तेक बात राजा कहैय / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात राजा कहैय
एके रत्ती सत आय देवता कऽ दय
तब छुटकारा ड्योढ़ीमे हेतऽ
हा सत कऽ के तहुँ जइयौ हौ
हौ मने मन तऽ सोचै नरूपिया
छेलै देवता सोझमतिया
छः पाँच नइ देवता बुझै
राजा संगमे सत करै छै
तब राजा पलटन के कहै छै
सुन रौ पलटन तैयारी होइयौ
दादा सलहेस राजा कहै छै
सुन सुन हौ देवता नरूपिया
हा सत करौलीयै ड्योढ़ी परमे
अढ़ाइ दिन के बान्ह बान्हीले
अढ़ाइ दिन जे जेइ दिन पुरतै
हाजत घरमे तोरा खुलतौ
तब छुटकारा तोरा हम कऽ देबौ हौ।