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हौ सिन्ह मारि देलकै घाट सिमरिया / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हौ सिन्ह मारि देलकै घाट सिमरिया
आ घड़ी चललै पहर बीतै छै
छः मास चुहर के सिन्हमे बीतलै
छठमा मासमे पकरिया जुमि गेल
पख अन्हरिया जइ दिन बीततै
राति अमवश्या चुहरा जुमि गेल
मने मन विचार मैया दुर्गा करै छै
सुनऽ सुनऽ हौ डाकू चुहरा
हौ देवता आइ पहरा करै छै
जाबे पहरा नरूपिया करतै
तऽ केना चोरी पकरिया करबऽ
केना आइ चोरी चुहरा कोहबरमे करबीही रौ।।